हमारी भारतीय संस्कृति में राज रजवाड़ों का महत्व कुछ अलग था ,लेकिन आज के इस भौक्तिक युग में हमारी संस्कृति और रजवाड़ों का महत्त्व खो सा गया हे।हमारे इतिहास को इन रजवाड़ों ने अपने खून से लिखा है। लेकिन आज हमें उनको याद करने की भी फुरसत नहीं,हम तो आज इन ' वाट्स एप ' और ' फेसबुक ' में ही खोये है ॥
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