Wednesday, 23 March 2016

Pic of the Day 23/3/2016


     होली का त्यौहार एक भारतीय संस्कृति की एक जालक हे, होली के बारे में पुराणो में लिखा गया हे॥
            हिरण्यकश्यप नमक राजा था जो पूरी दुनिया पर राज करना चाहता था,वह खुद को भगवन कहलाता था, सब पर बहु अत्याचार करता था और सब लोगो से अपनी पूजा करवाता था, उसके अत्याचार को समाप्त करने हेतु  उसके खुदके घर भगवान विष्णु के परम भक्त के रूप में प्रह्लाद नामक पुत्र  का जन्म होता हे, हिरण्यकश्यप अपने बेटे को अपनी खुद की पूजा करने के लिए कहता हे लेकिन उसका बेटा तो भगवान नारायण का बहुत बड़ा भक्त था उसने मना कर दिया।
           हिरण्यकश्यप ने बहुत मनाया की भगवान को छोड़ में ही तीनो लोक का भगवान हु तू मेरी पूजा कर परन्तु वह नहीं माना इसलिए अपने ही बेटे को मरने का सडयंत्र रचा लेकिन वह सफल नहीं हुआ,क्योंकि उसकी रक्षा सवयं भगवान विष्णु कर रहे थे,उसको मार नहीं पाने की वजहसे हिरण्यकश्यप बहुत क्रोधित हुआ तब उसको शांत करते हुए उसकी बहन उसके पास आई और कहा की वह उसको मार सकती हे उसकी बहन का नाम था 'होलिका' ।
                होलिका को वरदान प्राप्त था की अग्नि उसको जलाह नहीं सकती,इसलिए उसने कहा की वह  प्रह्लाद को अपनी गोद में लेकर बैठेगी और  प्रह्लाद जलकर भष्म हो जायेगा और मुझे कुछ नहीं होगा । तब हिरण्यकश्यप खुस हुआ और अपनी बहन को ऐसा करने को कहा, होलिका ने भी ऐसा किया लेकिन प्रह्लाद तो विष्णु का परमभक्त था उसके तो रोम रोम में भगवान थे,इसलिए उसको कुछ नहीं हुआ और बुराई के रूप में होलिका का दहन हो गया वह जल के राख हो गयी।

       इसलिए आज हम होली का त्यौहार मानते हे  हम आग जलाकर बुराई का अंत करते हे और अच्छे की और बढ़ाते है॥

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